बर्ड्स ऑफ़ पैसेज

छात्रों की फिल्म 'बर्ड्स ऑफ़ पैसेज' से एक दृश्य
बर्ड्स ऑफ़ पैसेज
वे दोनों एक-दूसरे से मिलने से पहले परायें थे। उन्होंने एक-दूसरे से बातें कीं। उन्होंने अपनी व्यक्तिगत यादें साझा कीं। हिचकिचाहट उनके बीच दूरी बनाने का प्रमुख कारण बन गई। हालांकि, दोनों ने अपनी भावनाओं को नियंत्रित किया। धीरे-धीरे, वे अच्छे दोस्त बन गए। क्या वास्तव में ऐसा होना था? उनकी स्त्रीत्व की अहंकार कहाँ चला गया?
  • फिल्म का नाम: बर्ड्स ऑफ़ पैसेज
  • फिल्म की अवधि: 25:00 min
  • फिल्म की भाषा: बेंगाली
  • बैच: 2007-2010
  • कोर्स: सिनेमा में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा
  • प्राप्त पुरस्कार: साल का सर्वश्रेष्ठ छात्र छायाकार पुरस्कार, कोडाक
  • फिल्म प्रारूप: फिल्म (35 मिमी)
  • फिल्म उत्पादन वर्ष: 2012
  • प्रोडक्शन क्रेडिट्स:

    निर्देशन: आशिम पाल

    कैमरा: अनिल पिंगुआ

    संपादन: शिवांशु पाठक

    ध्वनि: सुलग्नो बनर्जी