गी अपने दादा, अप्पाचन के साथ रहती है। वे दोनों अलग-अलग वास्तविकताओं का सामना कर रहे हैं। अप्पाचन कुछ यादें खो रहे हैं और उन दुनियाओं में जा रहे हैं जो गी के लिए अपरिचित हैं। दूसरी ओर, गी अपने चारों ओर की दुनिया, अपने प्रेमी और अपने काम के साथ समझौता करने की कोशिश कर रही है, जो सभी उसे दुश्मन की तरह लगते हैं।
निर्देशन: अखिला हेनरी
छायांकन: राकेश धरन
संपादन: रितिका पोद्दार
ध्वनि: कल्हन रैना